विधिपूर्वक 11 या 51 व्रत पूर्ण होने के उपरांत आने वाले शुक्ल पक्ष के शनिवार को व्रत का उद्यापन करना चाहिए |
- प्रात: काल बहामुहूर्त में कर समस्त घर में शुद्ब जल / गंगा जल के छींटे दे |
- विद्बान पंडित जी से हवन कराए | हवी में 108 बार शनि बीज मंत्र का जाप कर आहुति दे |
- जाग्रत शनि मन्दिर में जाकर 1, 5 या 15 किलो तेल से तेलाभिषेक करे |
- सोने व चांदी का छ्त्र शनिदेव को अर्पित करे |
- सामर्थ्य अनुसार मंदिर में प्रसाद (हलवे व काले चने) अथवा भण्डारे का वितरण करें |